सौंदर्य से भरपूर देश लिथुआनिया
मै अनंतबोध चैतन्य पिछले छह वर्षो से लिथुआनिया में रह रहा हूँ। यहाँ योग एवं भारतीय संस्कृति का प्रसार एवं प्रचार कर रहा हूँ। अक्सर लोग मुझसे यहां के बारे में पूछते रहते है। इस लेख में मैं यहाँ के सौंदर्य और जीवन चर्या के बारे में लिख रहा हूँ। पूर्व के कुछ ही वर्षो में लिथुआनिया ने बहुत उन्नति की है। यहाँ विश्व भर से विद्यार्थी पढ़ने के लिए आ रहे है और बहुत सारे पर्यटक भी लिथुआनिया के नैशर्गिक सौंदर्य को देखने के लिए आते है।
सौंदर्य से भरपूर देश लिथुआनिया बाल्टिक रीजन में सबसे मजबूत देश है। यहाँ की आबादी लगभग 27 लाख है। लिथुआनिया की भाषा संस्कृत भाषा से काफी मिलती जुलती है। लिथुआनिअन और संस्कृत दोनों इंडो यूरोपीय भाषा परिवार की भाषाएँ है। लिथुआनिया ने काफी संघर्ष किया अपनी संस्कृति और भाषा को जीवित रखने के लिए। तीन मिलियन से भी कम जनसँख्या होते हुए यहां के लोगो ने अपनी भाषा को नहीं छोड़ा। लिथुआनिअन बहुत पुरानी भाषा है।
ईसाइयत भी लिथुआनिया में काफी देर से पहुंची। यहाँ के मूल निवासी पहले ईसाई नहीं थे। वे सनातन में विश्वास करते थे। अभी भी लिथुआनिया में काफी मात्रा में पगानियन रहते है। यहां रोमुवा नामक जनजाति लिथुआनिया में आज भी पायी जाती है जो सनातन धर्म से काफी मिलती जुलती है।
लिथुआनिया की राजधानी विलनियस है जो बहुत सुंदर है। यहाँ लिथुआनियाई भाषा के अतिरिक्त अंग्रेजी और रसियन भाषा बोली और समझी जाती है। ज्यादातर नौजवान और बच्चे अंग्रेजी काफी अच्छी बोलते है। केवल बुजुर्ग लोग जिन्हे अंग्रेजी भाषा का अभ्यास नहीं है वो रसियन और लिथुआनिअन भाषा ही बोल पाते है। बड़े शहरो में कोनास और कलाइपेडा भी प्रसिद्ध है।
लिथुआनिया की सीमाएं लातविया, पोलैंड, बेलारूस और रसिआ से लगती है। 4 घंटे में लिथुआनिया को एक छोर से दूसरे छोर तक बड़ी आसानी से पहुंचा जा सकता है। लिथुआनिया में सामान्य कारों के लिए कोई टोल टैक्स नहीं है। रोड बहुत ही अच्छे है और 130 किलोमीटर प्रति घंटा की रफ़्तार से यहाँ के राजमार्गो पर कार दौड़ाई जा सकती है।
अपराध दर लिथुआनिया में काफी हद तक कम है। लोग थोड़े कम मिलनसार है लेकिन अच्छे है। प्रदुषण भी बहुत ही कम है। यहां बहुत सारी लेक है और नल से जल पिया जा सकता है। ध्वनि प्रदूषण तो जैसे है ही नहीं।सर्दियों में सफ़ेद बर्फ की चादर और गर्मियों में हरे भरे मैदान पर्यटकों को लुभाते है। यहां साफ सफाई बहुत है आपको आम तौर पर कही कचरा नहीं मिलेगा।
यहाँ के लोग खाने और पिने के शौक़ीन है। यहाँ शराब बहुतायत मात्रा में प्रयोग होती है लेकिन लोग सड़क पर गिरे या आपस में गली गलौच करते नहीं मिलेंगे। यहाँ शाकाहारी भोजन भी लगभग सब शहरो में आसानी से उपलब्ध हो जाता है। बहुत सारे शाकाहारी रेस्टोरंट है। यहां फल काफी अच्छे मिलते है। किसी भी सुपर मार्किट में आपको बहुत सारी खाने की वस्तुएं उपलब्ध हो जायेंगी।
लिथुआनिया में चार ऋतू होती है। यहां सर्दिया काफी ठण्डी और गर्मियां भी 30 डिग्री से ज्यादा तापमान वाली है। वर्षा ऋतू में वर्षा यहां बहुत अधिक होती है इसीलिए लिथुआनिया इतना हरा भरा है। लीतु का अर्थ ही वर्षा होता है। बहुत मात्रा में वर्षा होने के कारण ही इस देश का नामकरण लिथुआनिया हुआ होगा ऐसा प्रतीत होता है। यहां बसंत ऋतू सबसे सुंदर होती है सभी और बहुत सुंदर फूल खिले होते है। यहां पतझड़ भी देखने लायक होता है। सुनहरे पत्ते अनायास ही मन को मोहते है।
यहाँ की महिलाएँ औसतन लम्बी एवं सुंदर होती है। यहाँ की प्रकृति के अनुसार परमात्मा ने यहाँ के लोगो को भी सुंदर बनाया है। यहाँ महिलाये बहुत सुंदर आभूषण एवं वस्त्र पहनती है। यहां की पारम्परिक वेश भूषा भी काफी आकर्षित है। यहां बहुत सरे फेस्टिवल मनाये जाते है। हर वर्ष 23 जून को योनिनीश पर्व यहां बड़े आदर के साथ मनाया जाता है, सभी स्त्री एवं पुरुष एकत्रित हो नृत्य करते है और रात्रि भर कार्यक्रम चलते है। जून के महीने में सूर्य लगभग 20 घंटे से ज्यादा दिखाई देता है जो बहुत ही सुंदर लगता है।
यहाँ बाल्टिक समुद्र है जहाँ का अम्बर बहुत प्रसिद्ध है। अम्बर को यहां का सोना भी कहा जाता है। कलाइपेडा में तो अंबर संग्राहलय भी है। यहां कई प्रसिद्ध दर्शनीय स्थल है। यहाँ की नदियाँ भी काफी सुंदर है। नेरिश एवं नयमुनस नदी यहाँ की प्रसिद्ध नदियाँ है। यहाँ हंस काफी मात्रा में देखे जा सकते है।
यह देश विश्व भर के पर्यटको को आकर्षित करता है एक वर्ष में 20 लाख से ज्यादा लोग लिथुआनिया की ऐतिहासिक धरोहरों को देखने आये।